Sunday, July 26, 2015

सदस्यता

नोट : प्रत्येक प्रावधान के आगे संविधान का नियम लिखा हुआ है।

2. सदस्य (Members) : ‘हक रक्षक दल सामाजिक संगठन’ में सामान्यत: निम्न प्रकार के सदस्य हो सकेंगे :-

  • (1) आजीवन प्राथमिक सदस्य।
  • (2) सक्रिय सदस्य : (क) चयनित सक्रिय सदस्य। (ख) मनोनीत सक्रिय सदस्य।
  • (3) वरिष्ठ सदस्य : (क) चयनित वरिष्ठ सदस्य। (ख) मनोनीत वरिष्ठ सदस्य।
  • (4) प्रतिनिधि सदस्य : (क) चयनित प्रतिनिधि सदस्य। (ख) मनोनीत प्रतिनिधि सदस्य।
  • (5) संस्थापक सदस्य : (क) आजीवन संस्थापक सदस्य। (ख) सहयोगी संस्थापक सदस्य।
3. सदस्यता हेतु पात्रता (Eligibility for Membership) : उक्त नियम-2 में वर्णित सभी प्रकार के सदस्यों की पृथक-पृथक पात्रता आगे के नियमों में पृथक-पृथक निर्धारित और परिभाषित की गयी है।

4. आजीवन प्राथमिक सदस्य (Lifelong Primary Member=LPM) : इस संविधान के भाग-1 (ज्ञापन पत्र) के बिन्दु-4 के उप बिन्दु (1)* में वर्णित वर्गों का ऐसा कोई भी स्वस्थचित्त भारतीय नागरिक जो कि-
  • (1) वयस्क हो, अर्थात् कम से कम 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
  • (2) निर्धारित आजीवन सदस्यता शुल्क का भुगतान करने में सक्षम हो।
  • (3) प्रतिवर्ष निर्धारित न्यूनतम वार्षिक अनुदान का भुगतान निर्धारित तारीख तक स्वेच्छा से करते रहने को प्रतिबद्ध हो।
  • (4) यथास्थान निर्धारित सभी प्रकार के अधिकार और कर्त्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वाह करने को प्रतिबद्ध हो।
  • (5) इस संगठन के राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा निर्धारित रीति से इस बात की घोषणा करे कि उसे इस संगठन के सभी नियम, उप नियम, सिद्धान्त, प्रस्ताव, निर्णय मान्य एवं स्वीकार्य हैं और उसे इस संगठन के सभी उद्देश्यों, लक्ष्यों और इस संगठन के नेतृत्व में पूर्ण विश्‍वास तथा आस्था है तथा हमेशा रहेगी।
  • (6) इस संगठन के राष्ट्रीय प्रमुख और, या इसके लिए राष्ट्रीय प्रमुख की ओर से अधिकृत पदाधिकारी द्वारा स्वीकृत/अनुमोदित किये जाने पर ही किसी आवेदक को प्रतिवर्ष निर्धारित वार्षिक अनुदान अदा करते रहने की शर्त पर ही इस संगठन की आजीवन प्राथमिक सदस्यता प्रदान की जायेगी। और, या
  • (7) ऐसा कोई भी व्यक्ति जो राष्ट्रीय प्रमुख की राय में आजीवन प्राथमिक सदस्य बनाये जाने योग्य हो।
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*नोट :  संविधान के भाग-1 (ज्ञापन पत्र) के बिन्दु-4 के उप बिन्दु (1)  :
"(01) सम्पूर्ण भारत में और भारत के बाहर किसी भी देश में-निजी, कार्यालयीन, सरकारी, गैर-सरकारी या राष्ट्रीय या अन्य किसी उद्देश्य से-सरकारी आदेश से स्थायी या अस्थाई तौर पर रहने/निवास करने वाले सभी वंचित (Deprived), शोषित (Exploited), विपन्न (Poor), दलित (Depressed), आदिवासी (Tribal), पिछड़े (Backward), पिछड़े अल्पसंख्यक (Backward-Minority), घुमन्तू (Nomad) आदि कमजोर वर्गों (Weaker Sections/Classes) के सभी भारतीय नागरिकों को उनकी पृथक-पृथक कुल जनसंख्या के अनुपात में सभी क्षेत्रों में समान हिस्सेदारी और प्रतिनिधित्व दिलाने, हर प्रकार से और हर प्रकार की सुरक्षा तथा संरक्षण प्रदान करने, सभी को जागरूक, सजग, सतर्क और स:शक्त बनानेे तथा इन सभी वर्गों की समग्र प्रगति एवं इनका समग्र उत्थान सुनिश्‍चित करने के लिये इन सभी वर्गों के नागरिकों को इस संगठन की आजीवन सदस्यता प्रदान करना।"
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5. सक्रिय सदस्य (Active Member=AM) : सक्रिय सदस्य सामान्यत: दो प्रकार के हो सकेंगे।

5.1-चयनित सक्रिय सदस्य (Selected Active Members=SAM) : इस संगठन का ऐसा कोई भी आजीवन प्राथमिक सदस्य जो कि :-
  1. (1) राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा यथासमय निर्धारित रीति एवं प्रक्रियानुसार न्यूनतम 50 आजीवन प्राथमिक सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता हो। लेकिन राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा उक्त निर्धारित न्यूनतम सदस्य संख्या में कभी भी कमी/वृद्धि की जा सकेगी।
  2. (2) यथासमय निर्धारित शुल्क और, या अनुदान का भुगतान स्वेच्छा से करने को प्रतिबद्ध होे।
  3. (3) निर्धारित सभी अधिकार और कर्त्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वाह करने को प्रतिबद्ध हो। और, या
  4. (4) जो राष्ट्रीय प्रमुख की दृष्टि में सक्रिय सदस्य चयनित किये जाने योग्य हो।
5.2-मनोनीत सक्रिय सदस्य (Nominated Active Members=SAM) : राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा यथासमय निर्धारित रीति एवं प्रक्रियानुसार इस संगठन के किसी भी/कितने भी आजीवन प्राथमिक सदस्य/सदस्यों को राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा स्वविवेकानुसार और, या राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा इस हेतु अधिकृत पदाधिकारी द्वारा कभी भी अधिकतम दो वर्ष के लिये मनोनीत सक्रिय सदस्य के रूप में मनोनीत किया जा सकेगा। 

6. वरिष्ठ सदस्य (Senior Member=SM) : सामान्यत: वरिष्ठ सदस्य दो प्रकार के हो सकेंगे।

6.1-चयनित वरिष्ठ सदस्य (Selected Senior Members=SSM) : हक रक्षक दल सामाजिक संगठन का ऐसा कोई भी सक्रिय सदस्य जो कि :-
  • (1) राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा यथासमय निर्धारित रीति व प्रक्रियानुसार न्यूनतम 25 सक्रिय सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता हो। लेकिन राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा उक्त निर्धारित न्यूनतम सदस्य संख्या में कभी भी कमी/वृद्धि की जा सकेगी।
  • (2) यथासमय निर्धारित शुल्क और, या अनुदान का भुगतान स्वेच्छा से करने को प्रतिबद्ध होे।
  • (3) निर्धारित सभी अधिकार और कर्त्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वाह करने को प्रतिबद्ध हो। और, या
  • (4) जो राष्ट्रीय प्रमुख की दृष्टि में वरिष्ठ सदस्य चयनित किये जाने योग्य हो।
6.2 मनोनीत वरिष्ठ सदस्य (Nominated Senior Members=NSM) : राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा यथासमय निर्धारित रीति व प्रक्रियानुसार इस संगठन के किसी भी/कितने भी सदस्य/सदस्यों को राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा स्वविवेकानुसार और, या राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा इस हेतु अधिकृत पदाधिकारी द्वारा कभी भी अधिकतम दो वर्ष के लिये मनोनीत वरिष्ठ सदस्य के रूप में मनोनीत किया जा सकेगा।

7. प्रतिनिधि सदस्य (Representative Member=RM) : प्रतिनिधि सदस्य सामान्यत: 2 प्रकार के हो सकेंगे।

7.1-चयनित प्रतिनिधि सदस्य (Selected Representative Members=SRM) : हक रक्षक दल सामाजिक संगठन का ऐसा कोई भी वरिष्ठ सदस्य जो कि :-
  • (1) राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा यथासमय निर्धारित रीति व प्रक्रियानुसार न्यूनतम 10 वरिष्ठ सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता हो। लेकिन राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा उक्त निर्धारित न्यूनतम सदस्य संख्या में कभी भी कमी/वृद्धि की जा सकेगी।
  • (2) यथासमय निर्धारित शुल्क और, या अनुदान का भुगतान स्वेच्छा से करने को प्रतिबद्ध होे।
  • (3) निर्धारित सभी अधिकार और कर्त्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वाह करने को प्रतिबद्ध हो। और, या
  • (4) राष्ट्रीय प्रमुख की दृष्टि में प्रतिनिधि सदस्य चयनित किये जाने योग्य हो। 
7.2-मनोनीत प्रतिनिधि सदस्य (Nominated Representative Members=NRM) : राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा यथासमय निर्धारित रीति व प्रक्रियानुसार इस संगठन के किसी भी /कितने भी सदस्य/सदस्यों को राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा स्वविवेकानुसार और, या राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा इस हेतु अधिकृत पदाधिकारी द्वारा कभी भी अधिकतम दो वर्ष के लिये मनोनीत प्रतिनिधि सदस्य के रूप में मनोनीत किया जा सकेगा।

8. संस्थापक सदस्य (Founder Member=FM) : संस्थापक सदस्य सामान्यत: दो प्रकार के हो सकेंगे।

8.1-आजीवन संस्थापक सदस्य (Lifelong Founder Member=LFM) : इस संविधान के भाग-3 में वर्णित स्थापना हेतु इच्छुक सभी सदस्य इस संगठन के आजीवन संस्थापक सदस्य कहलायेंगे, बशर्ते वे आजीवन संस्थापक सदस्यों हेतु इन नियमों में अन्यत्र वर्णित समस्त प्रावधानों/प्रक्रिया का पालन/अनुसरण करते रहें।

8.2-सहयोगी संस्थापक सदस्य (Associate Founder Member=AFM) : राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा यथासमय निर्धारित रीति तथा प्रक्रियानुसार और, या स्वविवेकानुसार कभी भी निम्न परिस्थितियों में अधिकतम तीन वर्ष के लिये आवश्यकता के अनुसार एक वर्ष में अधिकतम 20 सहयोगी संस्थापक सदस्य नियुक्ति किये जा सकेंगे :-
  • (1) संस्थापक सदस्यों की संख्या कम हो जाने पर या संस्थापक सदस्यों के निष्क्रिय हो जाने पर। या
  • (2) इस संगठन के संचालन के लिये सहयोगी संस्थापक सदस्यों की नियुक्ति जरूरी होने पर। या
  • (3) राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सक्षम और समर्थ प्रतिनिधित्व की जरूरत होने पर। या
  • (4) योग्य और कुशल चयनित प्रतिनिधि सदस्यों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने पर। और, या
  • (5) अन्य कोई कारण या परिस्थिति जो राष्ट्रीय प्रमुख की राय में यथासमय उचित और जरूरी प्रतीत हो।
9. सदस्यता समाप्ति या निलम्बन (Termination or Suspension of Membership) : निम्न हालातों या कारणों से सभी प्रकार के सदस्यों की सदस्यता समाप्त/निलम्बित हो जायेगी/की जा सकेगी :-
  • (1) मृत्यु होने, त्याग पत्र देने, किसी भी प्रकार का निर्धारित शुल्क या अनुदान अदा नहीं करने पर स्वत:। या
  • (2) अन्यत्र वर्णित रीति से अयोग्य या दोषी पाये जाने या ठहराये जाने पर। या
  • (3) राष्ट्रीय प्रमुख या अन्य अधिकृत पदाधिकारी द्वारा अनुशासनहीन ठहराये जाने पर। और, या
  • (4) राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा इस संगठन के हित में बिना नोटिस जारी किये और बिना कारण बताये। 
12. पुन: सदस्यता : आजीवन प्राथमिक सदस्य की निर्धारित पात्रता रखने वाला कोई भी पूर्व सदस्य इस संगठन की आजीवन प्राथमिक सदस्यता प्राप्ति हेतु पुन: आवेदन कर सकेगा, परन्तु निष्कासित किये गये या काली सूची में शामिल किये गये किसी भी पूर्व सदस्य को राष्ट्रीय प्रमुख की लिखित पूर्वानुमति के बिना पुन: सदस्यता हेतु आवेदन करने का अधिकार नहीं होगा। छल/धोखे से पुन: सदस्यता प्राप्त कर लेने पर भी ऐसा व्यक्ति, इस संगठन का सदस्य नहीं माना जायेगा, और उसे इस संगठन की सदस्यता का कोई अधिकार नहीं होगा।

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