Tuesday, July 28, 2015

मूल कर्त्तव्य

नोट : प्रत्येक प्रावधान के आगे संविधान की नियम संख्या लिखी हुई है।

81. सदस्यों के मूल कर्त्तव्य : इस संगठन से सम्बद्ध समस्त शाखाओं, पदाधिकारियों तथा सभी सदस्यों से उम्मीद रहेगी कि वे अपने कार्य-व्यवहार एवं आचरण को स्वच्छ बनाये रखते हुए, अपने आस-पास पैनी व सतर्क नजर रखें और निम्न बिन्दुओं में वर्णित और अन्य सभी प्रकार की अनियमितताओं के सम्बन्ध में सतर्कता एवं निष्पक्षता पूर्वक, सम्पूर्ण तथ्यात्मक विवरण संकलित करें और प्राप्त विवरण व तथ्यों के आधार पर प्रतिवेदन बनाकर अपनी-अपनी शाखा के नेतृत्व और, या राष्ट्रीय प्रमुख को प्रस्तुत/प्रेषित करें। उक्त के अलावा इस संगठन के सभी सदस्यों और पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से हमेशा अनिवार्य रूप से पालन करने हेतु मूल कर्त्तव्य निम्नानुसार हैं :-


  • (1) केन्द्रीय या प्रान्तीय सरकार के सरकारी, गैर-सरकारी, निजी आदि सभी क्षेत्रों के समस्त प्रकार के शिक्षा संस्थानों के पाठ्यक्रम, अध्ययन-अध्यापन, शैक्षिक और अन्य प्रकार के संसाधनों, प्रबन्धन की अव्यवस्था, अध्यापकों व प्रबन्धकों की नियमितता और व्याप्त अनियमिताओं की सम्पूर्ण प्रकार की सही जानकारी एकत्र करना।
  • (2) पेयजल, स्वास्थ्य, बिजली, संचार, सड़क, डाक-तार, नेट, परिवहन, रसोई गैस, ईंधन आदि की कुव्यवस्था तथा इनके वितरण, विभाजन, अनुरक्षण और संरक्षण में व्याप्त अनियमितताओं की सम्पूर्ण जानकारी एकत्र करना।
  • (3) अक्षम, निर्धन, विकलांग, निशक्त, बीमार, अपाहिज, विस्थापित और आरक्षित वर्गों के व्यक्तियों पर किये जा रहे या किये जा सकने वाले अत्याचार, उत्पीड़न, शोषण, अन्याय, भेदभाव इत्यादि की पृष्ठभूमि के बारे में कारणों व निवारणों की सम्पूर्ण जानकारी एकत्र करना और उच्च नेतृत्व को अवगत करवाना।
  • (4) सार्वजनिक वितरण प्रणाली, स्टाम्प, टिकिट, खाद्य सामग्री आदि में व्याप्त कालाबाजारी, गुणवत्ता की कमी तथा अव्यवस्था आदि कमियों व अनियमितताओं की सम्पूर्ण जानकारी एकत्र करना।
  • (5) भ्रष्टाचारी, अत्याचारी, व्यभिचारी एवं शोषक व्यक्तियों, लोक सेवकों और जन प्रतिनिधियों का तथ्यों तथा प्रमाणों सहित सम्पूर्ण विवरण/जीवन चरित्र से सम्बन्धित विवरण संकलित करना।
  • (6) ऐसी स्थानीय समस्याएँ जिनका अविलम्ब समाधान करना परिस्थितियों की मॉंग एवं अनिवार्यता होने पर भी उनकी ओर सम्बन्धित द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है, का पता लगाकर उन्हें संकलित व सूचीबद्ध करना।
  • (7) स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, चिकित्सा संस्थानों व चिकित्सा संसाधनों एवं चिकित्सकों की व्यवस्था में व्याप्त मनमानी, अव्यवस्था, अनियमितता, भेदभाव एवं भ्रष्टाचार के कारण एवं परिणामों का पता लगाना।
  • (8) परिवार नियोजन, आंगनबाड़ी, टीकाकरण, प्रौढ शिक्षा, रोजगार, सूचना अधिकार, निर्धन आवास, गरीबी उन्मूलन जैसी विभिन्न प्रकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों के क्रियान्वयन में व्याप्त भ्रष्टाचार/अनियमितता एवं अव्यवस्था के कारण व परिणामों का पता लगाना।
  • (9) रेल यात्रा के दौरान ध्यान दें कि टीटीई/टीसी/कण्डेक्टर/आरक्षण बाबू या टिकिट बाबू या अन्य/उच्च रेल लोक सेवकों द्वारा किसी को अनुचित/उचित लाभ पहुँचाकर रिश्‍वत तो नहीं ली जा रही है? रेल गाड़ी के विलम्ब होने के कारण क्या हैं और गाड़ियों के सुरक्षित व संरक्षित संचालन में क्या-क्या बाधाएँ हैं?
  • (10) अन्य मान्यता प्राप्त या गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सा पद्धतियों में योग्यता प्राप्त या अयोग्य निजी/अर्द्ध-सरकारी/ सरकारी चिकित्सकों द्वारा अनाधिद्भत रूप से निषिद्ध चिकित्सा पद्धतियों में चिकित्सा व्यवसाय करना और, या दवाईयॉं बेचने को रोकने/रूकवाने के लिए रिकार्ड एकत्र करना। जिससे मानव जीवन संरक्षित हो सके।
  • (11) वस्तुओं/दवाईयों को अंकित/वास्तविक कीमत से अधिक/अनुचित दर पर बेचना, पासपोर्ट, लाइसेेंस, राशन कार्ड, रजिस्ट्रेशन कराने आदि कार्यों में लिप्त बिचौलियों तथा विभिन्न प्रकार के करों (टेक्सेस्) की चोरी करने वालों व उनको सहयोग करने वालों का पूर्ण विवरण तैयार करना।
  • (12) सार्वजनिक भूमि, बाग, पार्क, वन, नदी, जंगल, पहाड़, भवन, मैदान, दुकान, मार्ग, संस्थानों, स्थानों, सम्पत्तियां आदि पर/का अवैध/नियम-विरूद्ध कब्ज़ा/अतिक्रमण/अपयोग करने वालों का पूर्ण विवरण एकत्र करना।
  • (13) पंच, सरपंच, पार्षद, प्रधान, नगर प्रमुख, ग्राम सेवक, विधायक, सांसद, तहसील/जिला पंचायत सदस्य/प्रमुख, महापौर, अधिकारी, मंत्री, यंत्री/अभियन्ता आदि के द्वारा सार्वजनिक विकास या जन कल्याणकारी कार्यों या शिकायतों के निराकरण या समाधान में भेदभाव करने/बरतने या इनके द्वारा कालाबाजारी, कमीशन खोरी, रिश्‍वतखोरी आदि करने की पूर्ण जानकारी एकत्र करना एवं इनका पूर्ण तथ्यात्मक विवरण तैयार करना।
  • (14) चोरबाजारी, कालाबाजारी, मिलावट, तानाशाही, छुआछूत, भेदभाव, बाल/महिला/विकलांग/अशक्तजन/ पशु/पक्षी/जीव-जन्तु आदि के उत्पीड़न, भ्रूण हत्या मनमानी आदि का पूर्ण तथ्यात्मक विवरण तैयार करना।
  • (15) सार्वजनिक निर्माण, क्रय-विक्रय, नीलामी, संविदा (कॉण्ट्रेक्ट) आदि में व्याप्त अनियमितताओें, भ्रष्टाचार, मनमानी, भेदभाव, अव्यवस्था आदि का पूर्ण विवरण तैयार करना।
  • (16) राज्य परिवहन निगम की या सरकारी या सरकार द्वारा अनुबन्धित बसों में परिचालकों द्वारा यात्रियों से किराया वसूल करके भी टिकिट जारी नहीं करने पर ऐसे परिचालकों का नाम, बस नम्बर, बस का रूट (मार्ग), दिनांक, समय एवं सहयात्रियों के नाम-पते व उनके कथन आदि पूर्ण विवरण लिखकर प्रस्तुत करना।
  • (17) सरकार द्वारा स्वयं या अर्धशासकीय निकायों या स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित जन कल्याणकारी, उत्थानकारी आदि योजनाओं व कार्यक्रमों का वास्तविक लाभ किन्हें मिल रहा है? क्या इनमें भाई भतीजावाद, मनमानी, भेदभाव, दलाली या कागजी खानापूर्ती कर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग या निजी हित में उपयोग तो नहीं किया जा रहा है? इसका सम्पूर्ण विवरण तैयार करना।
  • (18) पुलिस द्वारा अपराध/घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करते समय/कार्यवाही करने/केस को दबाने आदि के लिये डराने, धमकाने, दुर्व्यवहार करने या रिश्‍वत की मांग करने के मामलों का तथ्यात्मक एवं साक्ष्य/प्रमाण सहित विवरण तैयार करना।
  • (19) तहसील, उपखण्ड, जिला स्तर के प्रशासनिक कार्यालयों या न्यायालयों में कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा पेशी बदलवाने, नकल लेने, पेशी लेने, प्रमाण-पत्र जारी करने, नियमित प्रशासनिक/न्यायिक कार्य के निष्पादन आदि के लिये रिश्‍वत/पारितोषिक आदि की मांग करने और वकीलों द्वारा मुवक्किलों से प्रत्येक पेशी पर बार-बार कागजों के खर्चे के नाम पर या अन्य बहाने मेहनताना/फीस मांगने आदि के प्रकरणों का विवरण तैयार करना।
  • (20) स्थानीय सरकारी, अर्ध सरकारी, गैर-सरकारी, निजी आदि निकायों, उपक्रमों, कार्यालयों, संस्थानों, उद्योगों, थियेटरों, वाहनों, रेलगाड़ियों, कारखानों, दुकानों, चिकित्सा संस्थानों, निगमों, विद्यालयों इत्यादि में व्याप्त अव्यवस्था, अनियमितता, अभाव, जमाखोरी, भ्रष्टाचार, शोषण, उत्पीड़न, मिलावट, अन्याय, भेदभाव आदि विधि-विरुद्ध द्भत्यों का तथ्यात्मक एवं दस्तावेजी विवरण तैयार करना।
  • (21) भ्रष्टाचार, अत्याचार, गैर-बराबरी, अन्याय, भेदभाव, मनमानी एवं विधि-विरुद्ध कृत्यों का विनम्रतापूर्वक, किन्तु साहस और निर्भीकता के साथ सकारात्मक तथा अहिंसात्मक प्रतिरोध करने की आदत डालें।
  • (22) जानकारी में आने पर इस संगठन के भ्रष्ट/सन्देहास्पद सदस्यों/पदाधिकारियों की वास्तविकता के बारे में सीधे उच्च नेतृत्व और राष्ट्रीय प्रमुख को प्रमाण/साक्ष्य सहित जानकारी/सूचना भेजें।
  • (23) प्रत्येक प्रदेश और केन्द्र शासित प्रदेश के हर जिले के प्रत्येक तहसील/तालुका, गांव और प्रत्येक शहर के हर मुहल्ले में इस संगठन के सदस्य बनवाना और जागरूक, निर्भीक, निष्पक्ष एवं सक्रिय सदस्यों को इस संगठन की उच्च सदस्यता तथा पद प्राप्ति हेतु प्रोत्साहित करें।
  • (24) सक्रिय/उच्च सदस्यता अर्जित कर/पाकर शाखा पदाधिकारी के रूप में कार्य करने के इच्छुक सभी सदस्य, शीघ्रातिशीघ्र निर्धारित पात्रता प्राप्त कर, पद और परिचय-पत्र प्राप्त कर लें और समयान्त से पूर्व इनका नवीनीकरण करवाते रहें।
  • (25) नवविवाहित या अविवाहित युवक-युवतियों को इस संगठन के सदस्य बनवाकर उनकी निजी/वैवाहिक समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयास करते हुए, यदि जरूरी हो तो उनकी पारिवारिक परिस्थितियों पर सतत नजर रखना, जिससे दहेज या वैवाहिक उत्पीड़न के प्रकरणों को रोका या कम किया जा सके एवं ऐसे युवक- युवतियों को इस संगठन के मार्फत कानूनी संरक्षण व मार्गदर्शन प्रदान किया/करवाया जा सके।
  • (26) इस संगठन के प्रबन्धन और सुगम संचालन के लिये सभी स्तर के सदस्य नियमित रूप से यथासम्भव आर्थिक सहयोग करें और अपने साथी सदस्यों को भी अनुदान करने को प्रोत्साहित करें।
  • (27) स्थानीय छोटी-बड़ी समाज सेवी संस्थाओं या समाज सेवी संस्थाओं/संगठनों के प्रतिनिधियों में से सर्वोत्कृष्ट और, या सक्रिय व्यक्तियों को इस संगठन के सदस्य बनने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • (28) अपने क्षेत्र के उत्द्भष्ट कार्य करने वाले योग्य व पात्र लोगों को इस संगठन प्रशस्ति पत्र/सम्मान/ पुरस्कार/अवार्ड आदि प्रदान करवाने हेतु विधिवत प्रस्ताव/तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत करें।
  • (29) इस संगठन द्वारा प्रस्तावित और, या समर्थित या इस संगठन के समर्थन में प्रकाशित समाचार पत्र/पत्रिका/स्मारिका के प्रकाशन, प्रसारण, प्रदर्शन आदि में जरूरी सुझाव, संसाधन, सहयोग एवं उसके पाठक बनने/बनाने और विज्ञापन देने/जुटाने में हर-सम्भव सक्रिय सहयोग करें।
  • (30) अपने आस-पास में व्याप्त विभिन्न प्रकार की गैर-कानूनी गतिविधियों, अनियमितताओं, भ्रष्टाचार, अत्याचार, भेदभाव, मिलावट, मनमानी, गैर-बराबरी, बन्धुआ मजदूरी, प्रदूषण आदि गैर-कानूनी कार्यों या घटनाओं या परिस्थितियों का तथ्यात्मक व सारगर्भित विवरण संकलित करें और इनके सम्बन्ध में कानूनी या प्रशासनिक जानकारी प्राप्त करने के लिये सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिये सरकारी कार्यालयों में पदस्थ जन सूचना अधिकारियों से सूचना प्राप्त करें।
  • (31) पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और आदिवासी या अन्य वर्गों के लोगों को सामाजिक न्याय एवं सभी क्षेत्रों में उनकी जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी सुनिश्‍चित करवाने के लिये संविधान, कानून और सरकारी आदेशों/नीतियों/ न्यायिक निर्णयों के क्रियान्वयन में व्याप्त विभेद, मनमानी और विधि-विरुद्ध व्यवस्था के बारे में तथ्यात्मक जानकारी संकलित कर इस संगठन के शाखा पदाधिकारियों/उच्च नेतृत्व को प्रस्तुत करना।
  • (32) इस संगठन के इस संविधान के भाग-1 (ज्ञापन-पत्र) के बिन्दु-4 उप बिन्दु-1 में वर्णित सभी वर्गों को सभी क्षेत्रों में सक्षम और समर्थ बनाने के लिये उनको उनके संवैधानिक, वैधानिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्द्भतिक, परम्परागत, राजनैतिक, शैक्षिक आदि अधिकारों/प्रावधानों की सैद्धान्तिक और व्यावहारिक जानकारी प्रदान करने/करवाने के लिये स्थान-स्थान पर लगातार और बारम्बार कार्यशाला, विचारशाला, सभा, कैडर कैम्प, प्रशिक्षण शिविर आदि का आयोजन करना/करवाना।
  • (33) इस संगठन के इस संविधान के भाग-1 (ज्ञापन-पत्र) के बिन्दु-4 उप बिन्दु-1 में वर्णित सभी वर्गों के लोगों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, मानसिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक इत्यादि क्षेत्रों में विकास के लिये प्रत्येक सदस्य द्वारा लगातार और सतत काम करना।
  • (34) इस संगठन के इस संविधान के भाग-1 (ज्ञापन-पत्र) के बिन्दु-4 उप बिन्दु-1 में वर्णित सभी वर्गों के  बच्चों की शैक्षणिक और खेलकूद में भागीदारी के लिये प्रत्येक सदस्य द्वारा दोहरे प्रयास करना अर्थात् एक ओर बच्चों को प्रेरित करना और दूसरी ओर सरकार की सहभागिता के लिये प्रयास करना/करवाना।
  • (35) इस संगठन के इस संविधान के भाग-1 (ज्ञापन-पत्र) के बिन्दु-4 उप बिन्दु-1 में वर्णित सभी वर्गों में आपसी सामंजस्य और एकजुटता कैसे पैदा की जाये इस बारे में प्रत्येक सदस्य को चिन्तन, मनन और विश्‍लेषण करके इस संगठन के नेतृत्व को सुझाव देते रहना है। और
  • (36) सभी सदस्य उपरोक्त सभी कर्त्तव्यों के प्रत्येक पहलू के सम्बन्ध में अपनी समालोचनात्मक राय व सुझावों से सीधे - सीधे इस संगठन के राष्ट्रीय प्रमुख/महासचिव/सचिव को आवश्यक रूप से अवगत कराते रहेंगे।

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