Tuesday, June 30, 2015

विविध

नोट : प्रत्येक प्रावधान के आगे संविधान की नियम संख्या लिखी हुई है।

1. परिभाषाएँ (Definitions) : जब तक अन्यत्र, पृथक से परिभाषित नहीं किया जाये, तब तक ‘हक रक्षक दल सामाजिक संगठन’ के इस संविधान में प्रयुक्त शब्द, वाक्य, शब्दावलि और प्रावधानों के अर्थ निम्नानुसार ही माने जायेंगे :-


(1) हक रक्षक : ‘हक रक्षक दल सामाजिक संगठन’ के सभी प्रकार के सदस्य, सदस्य के साथ-साथ सामान्यत: हक रक्षक (Haq Rakshak=HR/Right Protector=RP) भी कहे और लिखे जा सकेंगे! जिनको संक्षिप्त में हिन्दी में सदस्य या रक्षक अंग्रेजी में RP या रोमन में HR भी कहा या लिखा या बोला जा सकेगा!
(2) लिंग (Sex) : सभी स्तर पर पदस्थ ‘हक रक्षक दल सामाजिक संगठन’ के सदस्य और पदाधिकारी हर जगह पर पुर्लिंग में ही लिखे, पढे और बोले जाएंगे, क्योंकि हिंदी भाषा में सभी पद उभयलिंगी होते हैं!
(3) पदाधिकारी : इस संगठन के इस संविधान के अनुसार किसी पद पर स्थायी या अस्थायी तौर पर नियुक्त, चयनित, निर्वाचित या मनोनीत सदस्य, इस संगठन के पदाधिकारी कहलायेंगे।
(4) शाखा : इस संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को छोड़कर इस संगठन की समस्त स्तरों की कार्यकारिणियॉं इस संगठन की शाखा/इकाई कहलाएंगी, जो सम्पूर्ण देश में स्थापित की जा सकेंगी।
(5) निर्वचन (Interpretation) : इस संगठन के संविधान के किसी भी हिस्से में भूलवश वाक्य विन्यास या मात्रा या टाईप की भूल या त्रुटि रह जाये या अन्य किसी कारण से कोई असंगत या अस्पष्ट प्रावधान हो गया हो, तो उसका सही, तर्क संगत एवं विधिक निर्वचन करने का अन्तिम अधिकार राष्ट्रीय प्रमुख को होगा।
(6) अन्य : इस संगठन के संचालन हेतु बनाये गए इस संविधान के इन सभी नियमों और उप नियमों में वर्णित/प्रयुक्त शब्दों/वाक्य/शब्दावलि को यथास्थान परिभाषित करने का प्रयास किया गया है, लेकिन इसके उपरान्त भी, जहां कहीं भी कोई शब्द या वाक्य या प्रावधान या शब्दावलि अपरिभाषित या विवादित हो/रह जाये तो उस/उन सभी को परिभाषित करने का अंतिम संवैधानिक अधिकार इस संगठन के राष्ट्रीय प्रमुख को होगा!

32. विवाद : पुलिस एवं न्यायालय में कार्यवाही :
(1) पुलिस, न्यायालय या किसी न्यायाधिकरण में या अन्यत्र यदि कोई वाद, मुकदमा या याचिका दर्ज या पेश करना जरूरी होगा तो इस संगठन के नाम से ही दर्ज या पेश किया जायेगा।
(2) इस संगठन के नाम से किसी मामले में कोई वाद, मुकदमा या याचिका दर्ज या पेश करने या इस संगठन  के विरुद्ध किसी की ओर से वाद, मुकदमा या याचिका दर्ज या पेश किये जाने पर पैरवी का अधिकार राष्ट्रीय प्रमुख और, या राष्ट्रीय प्रमुख की ओर से अधिकृत पदाधिकारी या विधि व्यवसायी (अधिवक्ता) को ही होगा, जो सोसायटीज् रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 की धारा 6 के प्रावधानों के अनुसार ही होगा। और
(3) इस संगठन में निर्वाचन सहित सभी आन्तरिक विषयों/मामलों पर असहमति या विवाद होने पर उनका समाधान इस संगठन के इस संविधान में वर्णित प्रावधानों और प्रक्रियानुसार ही किया जायेगा।
(4) किसी सदस्य के किसी आन्तरिक विषय पर/में इस संगठन के संविधान के प्रावधानों और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अन्तिम समाधान से सन्तुष्ट नहीं होने पर, असन्तोष या अन्याय के कारणों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष कोर्ट में मामला दायर करने की लिखित अनुमति हेतु आवेदन करना होगा। जिस पर राष्ट्रीय प्रमुख को अधिकतम दो माह में अपने लिखित निर्णय से आवेदक को अवगत करवाना होगा। और
(5) इस संगठन के किसी भी आन्तरिक मामले, विषय या विवाद को इस संगठन के राष्ट्रीय प्रमुख की लिखित पूर्वानुमति के बिना पुलिस, न्यायालय या न्यायाधिकरण में दर्ज या पेश करना, अनुशासनहीनता माना जायेगा और ऐसी अनुशासनहीनता करने वाले सदस्य या पदाधिकारी की ओर से राष्ट्रीय प्रमुख की लिखित पूर्वानुमति के बिना पुलिस, न्यायालय या न्यायाधिकरण में मामला दर्ज या पेश करते ही इस संगठन की सदस्यता और, या पदस्थिति बिना नोटिस दिये स्वत: ही समाप्त हो जायेगी।

40. धारा-13 के अनुसार विघटन (Dissolution) : ‘हक रक्षक दल सामाजिक संगठन’ की राष्ट्रीय महासभा के तीन चौथाई (75 फीसदी) सदस्यों के बहुमत से ‘हक रक्षक दल सामाजिक संगठन’ को विघटित किया जा सकेगा, जो सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 की धारा-13 के अनुसार होगा।

41. धारा-14 के अनुसार निपटारा (Settlement) : उक्त नियम-39 के अनुसार इस संगठन का विघटन होने के पश्‍चात् इस संगठन की समस्त चल एवं अचल सम्पत्ति को सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 की धारा- 14 के अनुसार समान उद्देश्यों वाली किसी अन्य संस्था/संगठन को हस्तान्तरित कर दिया जायेगा और किसी भी सूरत में इस संगठन के सदस्यों बीच में नहीं बांटा जायेगा।

42. लागू होना : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में यथाप्रभावी सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के सभी प्रावधान और उपबन्ध ‘हक रक्षक दल सामाजिक संगठन’ पर लागू होंगे।

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