Saturday, July 4, 2015

महाअभियोग

नोट : प्रत्येक प्रावधान के आगे संविधान की नियम संख्या लिखी हुई है।


31. महा अभियोग : इस संगठन के राष्ट्रीय प्रमुख एवं अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारियों के विरुद्ध महा अभियोग या अभियोग लाया जाकर उन्हें उनके पद से अपदस्थ किया जा सकेगा, परन्तु ऐसा कदम असाधारण, अपरिहार्य एवं अत्यन्त आवश्यक तथा गम्भीर परिस्थितियों में ही उठाया जायेगा और अभियोग लाये जाने के उन सभी कारणों और परिस्थितियों का अभियोग पत्र में विस्तार से खुलासा करना होगा, जिनके कारण, महा अभियोग/अभियोग लाया जाना हो। महा अभियोग/अभियोग निम्नानुसार प्रस्तुत और पारित किया जा सकेगा :-

(1) राष्ट्रीय प्रमुख के विरुद्ध अभियोग : राष्ट्रीय महासभा के कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत एवं कुल संस्थापक (आजीवन व सहयोगी) सदस्यों के 2/3 बहुमत द्वारा राष्ट्रीय प्रमुख के विरुद्ध पृथक-पृथक अभियोग पारित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने पद से अपदस्थ किया जा सकेगा, लेकिन ऐसे अभियोग की सूचना कम से कम तीन महिने पहले अग्रिम राष्ट्रीय प्रमुख को व्यक्तिगत रूप से लिखित में देनी होगी और साथ ही राष्ट्रीय प्रमुख को राष्ट्रीय महासभा के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूर्ण अवसर दिया जायेगा और अन्त में कार्यकारी राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा राष्ट्रीय प्रमुख के विरुद्ध पारित अभियोग की पुष्टि करना अनिवार्य होगा।

(2) अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारियों के विरुद्ध अभियोग : राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा ऐसे किसी अभियोगी/आरोपी किसी भी पदाधिकारी से कभी भी त्यागपत्र मांगा जा सकेगा या राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा उसे कभी भी अपदस्थ या बर्खास्त किया जा सकेगा। लेकिन राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा अभियोगी को अपदस्थ या बर्खास्त नहीं किये जाने की स्थिति में राष्ट्रीय महासभा के कुल सदस्यों के साधारण बहुमत द्वारा ऐसे किसी अभियोगी पदाधिकारी या पदाधिकारियों के विरुद्ध सामूहिक या पृथक-पृथक अभियोग पारित कर, उन्हें उनके पद से अपदस्थ/बर्खास्त किया जा सकेगा, जिसके/जिनके कि विरुद्ध कोई अभियोग प्रस्तुत किया जाना प्रस्तावित हो या प्रस्तुत किया गया हो। लेकिन राष्ट्रीय महासभा द्वारा ऐसा अभियोग पारित करने से पूर्व ऐसे अभियोग की लिखित सूचना न्यूनतम दो महिने पूर्व ऐसे अभियोगी अन्य पदाधिकारी या पदाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से लिखित में देनी होगी और साथ ही ऐसे पदाधिकारी या ऐसे पदाधिकारियों को राष्ट्रीय महासभा के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूर्ण अवसर दिया जायेगा और अन्त में राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा इसकी पुष्टि करना अनिवार्य होगा।

No comments:

Post a Comment

कृपया अपनी संसदीय और रचनात्मक टिप्पणी लिखने का कष्ट करें।