नोट : प्रत्येक प्रावधान के आगे संविधान की नियम संख्या लिखी हुई है।
48. संरक्षक या संरक्षक मण्डल : राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सलाह पर और, या स्वविवेकानुसार इस संगठन के सदस्यों से किसी अनुभवी, योग्य पूर्व जनप्रतिनिधि, पूर्व प्रशासक या प्रतिष्ठित व्यक्ति को इस संगठन का मुख्य संरक्षक/संरक्षक और, या ऐसे एकाधिक व्यक्तियों को सदस्य संरक्षक मण्डल नियुक्त किया जा सकेगा, जो राष्ट्रीय प्रमुख की इच्छापर्यन्त और, या निर्धारित अवधि तक अपने पद पर पदस्थ रह सकेंगे।
48. संरक्षक या संरक्षक मण्डल : राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सलाह पर और, या स्वविवेकानुसार इस संगठन के सदस्यों से किसी अनुभवी, योग्य पूर्व जनप्रतिनिधि, पूर्व प्रशासक या प्रतिष्ठित व्यक्ति को इस संगठन का मुख्य संरक्षक/संरक्षक और, या ऐसे एकाधिक व्यक्तियों को सदस्य संरक्षक मण्डल नियुक्त किया जा सकेगा, जो राष्ट्रीय प्रमुख की इच्छापर्यन्त और, या निर्धारित अवधि तक अपने पद पर पदस्थ रह सकेंगे।
49. संरक्षक या संरक्षक मण्डल के कर्त्तव्य : इस संगठन के मुख्य/वरिष्ठ संरक्षक के नेतृत्व में संरक्षक मण्डल के संरक्षकों या संरक्षक मण्डल के सदस्यों के अधिकार एवं कर्त्तव्य निम्नानुसार होंगे :-
(1) इस संगठन को हर प्रकार से संरक्षण, सुरक्षा एवं सहयोग प्रदान करना/करवाना।
(2) इस संगठन और सरकार व प्रशासन के मध्य जरूरत होने पर सेतु का काम करना।
(3) इस संगठन की नीतियों, उद्देश्यों और निर्णयों को लागू करवाने में सहयोग करना/करवाना। और
(4) समय और पस्थितियों के अनुसार जो भी जरूरी या अपेक्षित हो सहयोग करना/करवाना।
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